हंसी मुश्कान और…

हंसी मुश्कान और अदा-ए फ़िक़र

शादगी तो हमारी देखिये।
हमें नूर-ए-अदा पे भी गम-ए-एतराज़ है !!
शिकायत कि कायदे पे तो कानून-ए-जंज़ीर अम्ल करती है.
उसकी ख्यालों में हम न अकेले।
उसकी हंसी मुश्कान और अदा-ए फ़िक़र भी शामिल हें !


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