humor poems in hindi (from April 29, 2012)
..तेरी बर्बादी तेरी सर्बनाश होगी
ऐ सनम तुझे, नसीब घास होगी
… …तू जो भड़कती हे मेरे ऊपर
मैं क्या सो जाऊं जाके छत के ऊपर
… तेरा यूँ मुझ से रोज़ गिला करना
उमीद तो आती हे पर जाती ठिकाना
… … मुझे तू और अब न सता
खोया है मेरा ठिकाना और पता
… … जानु मेरी जान
मैं दे नहीं सकता ज्ञान
चाहे दुनिआ जाये भाड़ में
… … ..हो जाये सर्बनाश
मैं रहता नहीं परेशान