Motto Futari de, Lyrics: Satou Eisa Music: Tamura Naoki, Translation(2Odia in end): Manmohan Dash
作詞: 佐藤永麻 作曲: 田村直樹
いつもただ俯いてばかり
一歩踏み出す勇気がなくて
そんなあたしの背中をただ
優しくあなたが押してくれた
泣きたくなったら泣いていいよ、
(there is more to it…I cut it here)
ଆହୁରି ନିଜର
ସବୁବେଳେ ଖାଲି ପଛକୁ ହିଁ ଫେରେ, ଆଗକୁ ସାହସ ନଥାଏ
ଟିକେ ମୋର ପଛକୁ ଖାଲି ହାଲକା ରେ ଛୁଇଁ ତୁମେ ତ ଶିଖେଇଲ
କହିଥିଲ “କାନ୍ଦିବାକୁବିଚାହିଁପାର, ତଥାପି ଏକାଠିଚାଲିବା ” ବୋଲି
ଆହୁରି ମୋର ପାଖେ ଥିଲ ଆହୁରି ଏକାଠି ଆମେ ଦୁଇ ମିଶୁଥିଲେ
ଲୁହ ଗଲା ପରେ ତ ସୁର୍ଯ୍ୟ କୁ ଅନେଇ ଫୁଲ ସବୁ ହସେ
ଯଦି ମୋର ବି ଏଇ ସାକୀ ପରି ଆହୁରି ଲୁହ ବୋହିଆସେ
ଅଟକିଯିବାନି ହେ, ନିଜେ ହିଁ ଫୁଲ ଫୁଟେଇବି ଆସନ୍ତାକାଲି ଏ ବିଶ୍ବାସ୍
ଏଇ ଲୁହ ର ଧାରା ଆସିବା ଯିବା ରେ
ପ୍ରେମକୁ ବୁଝିଚି ଆସିବାରେ ବି, କେବେ ବିଦାୟ ଦେବାରେ ବି
ଭଲପାଇବା କୁ ଡରିବି ଆସିନି, ଯା ହେଉ ଶେଷ ରେ ମୋ ଶୁନ୍ୟତା ସରିଲା
କହିଥିଲ “ବିଭିନ୍ନ ସ୍ମୃତିରୁ, ଅଭୁଲା କଥାସବୁ ହୃଦୟ ରେ ରହି ଯାଏ” ବୋଲି
ଆହୁରି ମୋ ଛାତି ତଳୁ ବହୁତ କୋହମିସାଲୁହ ବି ବୋହୁଚି
ବୋହିଗଲା ପରେ ତ ସୁର୍ଯ୍ୟ କୁ ଅନେଇ ଫୁଲ ସବୁ ଫୁଟେ
ଆହୁରି ଦୁଖିଆ ବିଦାୟ ସହ କେତେ ଯେ ମିଳନ ଯଦି ଅବା ଆସେ
ହସ ର ଏଇ ଫ୍ଲୋ, ତୁମ ପାଇଁ ଫୁଲ ଫୁଟେଇବି ଆସନ୍ତା
କାଲି ରେ, ଏ ବିଶ୍ବାସ୍
ଗରମ୍ ହସ ଟେ ଦେବା ପାଇଁ ବି ରଖିଚି
ଆହୁରି ମୋ’ର ପାଖକୁ ଆସିଲେ ଆହୁରି ଏକାଠି ମିଶିବା
ଲୁହ ଗଲା ପରେ ତ ସୁର୍ଯ୍ୟ କୁ ଅନେଇ ଫୁଲ ସବୁ ହସେ
ଯଦି ମୋର ବି ଏଇ ସାକୀ ପରି ଆହୁରି ଲୁହ ବୋହି ଆସେ
ଅଟକିଯିବାନି ହେ, ନିଜେ ହିଁ ଫୁଲ ଫୁଟେଇବି ଆସନ୍ତାକାଲି ଏ ବିଶ୍ବାସ୍
ଆଜି ହିଁ ଆଗକୁ ଯିବାକୁ ପାଦ ବଢ଼େଈବି
और भी करीब
हमेशा पीछे ही लौटती रही, आगे की हिमत न थी
जरा सा मेरे पीछे छुं के तुम्ही ने तो बताया था
कहाथा ” रोना चाहो तो रो सकते, पर साथ ही चलेंगे” और
और मेरे करीब आते थे और मुझ से मिलते थे
आंसू के जाने से ही फुल सूरज के तरफ खिलते हैं
अगर मेरे भी इस साकि के तरह और भी आंसू निकल आयें
रुक् न जायेंगे, खुद ही फूलों को खीलाऊंगा आनेवालेकल के लिए , ये यकिन
इस आंसू के धारों के आना और जाना
प्रेम को समझा हूँ आने में, कभी बिदाय देने में
प्यार से डरना भी नहीं आती, अब गयी मेरी तन्हाई
और कहा था “अनेक यादों में, सब से बड़ी वो है, जो दिल में रह जाता है”
औरभी मेरे हृदय के नीचे से दर्दभरीआंसू निकलते हैं
बेह्ने के बाद ही तो फुल सूरज के तरफ खिलते हैं
और भी दर्दभरी बिदाय के साथ आ जाएँ कितने मिलन अगर
मुस्कानों के ये फ्लो, आप के लिए फुल खीलाऊंगा आनेवाले कल में, ये यकिन
ताज़ा एक मुस्कान देने के लिए भी चुना हूँ
और भी करीब आओगे तो और भी करीब मिलेंगे
आंसू के जाने पर ही तो फुल सूरज के तरफ खिलते हैं
अगर मेरे भी इस साकि के तरह और भी आंसू निकल आयें
रुक् न जायेंगे, खुद ही फूलों को खीलाऊंगा आनेवालेकल के लिए , ये यकिन
आज ही एक कदम, आगे की तरफ जाउंगी