ट्रबल? नाहीं रे बाबा इ ट्रबल नाहीं तो ओर का हे? फुर्सत में भी मुसीबत. मुसीबत को धीरज नाहीं. मुसीबत दूसरों की फुर्सत का भी कदर नाहीं करता.
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आ इ जरुर एलीएन का करतब हे. जानना चाहता हे में का लिखा हूँ उसकेबारे में. चतुर सिंह जी आप का सोचते हें?
में एकबार एक सरकारी दफ्तर में गया. नाहीं तो का, दरकार नाहीं तो सरकार नाहीं. [translit इ भी बोलता हे: डरकर नाहीं तो सरकार नाहीं, यानि सरकार से डर] “का हे? का काम हे? ” मैंने बोला [माई यशोदा ने नाहीं] एक कॉलेज बनाऊंगा. “Hillview कॉलेज ऑफ़ एनी थिंग, उहाँ anything पढ़ाउंगा, theory of anything”. तो उ बोला “का एनी थिंग पढ़ाओगे, specify कर”. मैंने बोला “anything, जो बचा पढ़ना चाहेगा उ पढ़ेगा आ जो लड़ना चाहेगा उ लडेगा, सोमबार को मन किया तो घास के ऊपर बैठ के दुःख सुख करेंगे, आ मन नाहीं किया तो ताला लगा के 9-2-11 हो जायेंगे. का हे? 9-2 11 नाहीं हे का? 9+2=11. आ egg-jam से पहले ताला खोल देंगे. उन्हें question देना पड़ेगा आ उत्तर भी, एक दिन पहले ताला खोल के दे देंगे. egg-jam? लड़कों का egg जाम हो जाता हे ना, exam के time, लड़कियों का इ सोचके दिमाग जाम हो जाता हे.”
उसने कहा “नाहीं, उ का permission हम नाहीं दे सकत, का हे कि कॉलेज का नाम हमें ठीक नाहीं लगता, इ का hillview हे? औरत के हिल के ऊपर नज़र करोगे? ना रे बाबा, अर्थ्नेतिक घोटाला हो जायेगा, अर्थ और निति दोनों के बार बजेंगे”